Tuesday, October 7, 2025
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ड्रीम 11 में हारे लोगों पर रखते थे नजर; करोड़पति बनाने का देते झांसा, और फिर…

आईपीएल में ड्रीम इलेवन के नाम पर सट्टा लगाकर सैकड़ों लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी करने वाले एक बड़े गैंग को मुजफ्फरपुर साइबर पुलिस ने गिरफ्तार किया है। मझौलिया रोड स्थित एक मकान में अलग-अलग जिलों के साइबर शातिरों ने अपना ऑफिस बना रखा था। पुलिस ने छापेमारी कर गोपालगंज और सीवान जिले के तीन शातिरों को दबोचा है। इनके पास से 10 अलग-अलग बैंक खातों से जुड़े एटीएम कार्ड, अन्य बैंकिंग कागजात, ठगी में इस्तेमान किए जाने वाले आठ मोबाइल, 65 हजार रुपये नकद बरामद किया गया है। गिरोह में शामिल चौथे शातिर की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम सीवान में छापेमारी कर रही है।

साइबर डीएसपी हिमांशु कुमार ने बताया कि गैंग आईपीएल मैच में ड्रीम 11 एप के माध्यम से पैसा जिताने का लालच देकर ठगी करता था। पुलिस ने तीन शातिरों को गिरफ्तार किया है। साइबर थाना की पुलिस को लोगों से आईपीएल मैच में एक करोड़ रुपये का इनाम जिताने के नाम पर ठगी की लगातार शिकायत मिल रही थी। मुख्यालय से साइबर शातिरों के कुछ मोबाइल नंबर जांच कर कार्रवाई के लिए भेजे गए थे। उसमें से एक नंबर महाराष्ट्र के व्यक्ति के नाम पर लिया गया था। उसका लोकेशन काजीमोहम्मदपुर थाना क्षेत्र के मझौलिया रसूलपुर जीलानी में मिला। इस आधार पर टीम गठित कर छापेमारी की गई।

साइबर डीएसपी ने बताया कि मझौलिया में सीता देवी के दो मंजिला मकान की घेराबंदी की गई। कमरे में चार युवक थे। जिस नंबर का लोकेशन मिला था, वह सिम सीवान के युवक ब्रजेश कुमार के मोबाइल में मिला। ब्रजेश ने पूछताछ में बताया कि वह सभी आईपीएल मैच में सट्टा और ड्रीम इलेवन एप से एक करोड़ इनाम जिताने का झांसा देकर ठगी करते हैं। साइबर डीएसपी ने बताया कि यह गैंग अलग-अलग राज्यों के अब तक सैकड़ों लोगों से ठगी कर चुका है। बताया कि कि अभी आईपीएल का सीजन चल रहा है। ड्रीम इलेवन एप के माध्यम से कई लोग पैसा लगाते हैं। जो ड्रीम इलेवन में नहीं जीत पाते हैं उसको यह गिरोह रुपये जिताने का झांसा देकर फांसता था।

मौका पाकर सरगना हुआ फरार

रसुलपुर जीलानी में छापेमारी के बाद धराए युवकों में एक गोपालगंज जिले का प्रिंस कुमार पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया। वह गिरोह का मुख्य सरगना था। वहीं सिवान के आलोक कुमार (28), गोपालगंज के संदीप कुमार (22) और ब्रजेश कुमार (21) को गिरफ्तार किया गया।

टेलीग्राम से लोगों को बनाते थे शिकार

गिरफ्तार शातिरों ने पुलिस को बताया कि वो लोग टेलीग्राम एप के माध्यम से लोगों को ग्रुप में जोड़ते थे। पहले उनसे सदस्य बनाने के नाम पर पैसा वसूलते थे। फिर करोड़पति बनाने का लालच देकर पैसा मंगाते थे। इस तरह झांसा देकर एक व्यक्ति से चार-पांच बार रुपये ऐंठते थे। जब शिकार व्यक्ति रुपये भेजना बंद कर देता था तो ग्रुप में ब्लॉक कर दिया जाता था।

अलग-अलग नाम के खातों में मंगवाते थे रुपये

गिरोह के शातिरों लोगों को झांसा देकर उनसे आधार कार्ड, पैन कार्ड और मोबाइल पर आने वाला ओटीपी तक ले लेते थे। फिर कागजात के आधार पर उनके नाम पर बैंक खाता खोल लेते थे। उस खाते का इस्तेमाल साइबर ठगी के रुपये मंगाने में करते थे। इस तरह अब तक सैकड़ों लोगों के नाम पर बैंक खाते खोलकर यह गिरोह उसमें ठगी के रुपये मंगाते रहा है।

विदेश में बैठे आका के इशारे पर होती थी ठगी

गिरफ्तार शातिरों का लिंक विदेश से भी जुड़ा बताया जा रहा है। विदेश में बैठे आका प्लान बनाता है, जिसके आधार पर बिहार के अलग-अलग जिलों में ठिकाना बनाकर युवकों का गिरोह ठगी करता है। गैंग में कई जिलों के दर्जनों युवक जुड़े हुए हैं। ये साइबर ठगी करने के साथ फर्जी नाम-पते पर बैंक खाता खोलकर उसका इस्तेमाल हवाला से रुपये के लेन देन में कर रहे हैं।

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